गिरते शेयर बाजार में हार्श गोयंका का सुनहरा सबक: ‘पैनिक में पॉपकॉर्न नहीं, पोर्टफोलियो’

शेयर बाजार की गिरावट: एक परिचय

शेयर बाजारों में गिरावट कई निवेशकों के लिए चिंता का कारण बन जाती है। जब बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो कई लोग तत्काल प्रतिक्रिया में बेचने का निर्णय लेते हैं। लेकिन हार्श गोयंका का दृष्टिकोण इस संकट के समय में एक नई रोशनी प्रदान करता है।

गोयंका का मंत्र: ‘पैनिक में पॉपकॉर्न नहीं’

हार्श गोयंका, जिनकी ख्याति उनके व्यावसायिक दृष्टिकोण के लिए है, ने कहा है कि तनाव की स्थिति में निवेशकों को धैर्य बनाए रखने की आवश्यकता होती है। ‘पैनिक में पॉपकॉर्न नहीं, पोर्टफोलियो’ का अर्थ है कि इस घबराहट के समय सही निर्णय लेना जरूरी है। बाजार में गिरावट के दौरान, लाभ और हानि के बजाय दीर्घकालिक सोच को प्राथमिकता देना चाहिए।

दीर्घकालिक निवेश के लाभ

छोटे नजरिए से बाहर निकलकर, यदि निवेशक दीर्घकालिक निवेश की ओर अग्रसर होते हैं, तो संभावित लाभ बहुत बड़ा हो सकता है। बाजार का उतार-चढ़ाव सामान्य है, और जिन लोगों ने धैर्य रखा है, उन्हें अंततः मुनाफा हुआ है। इसलिए, गोयंका की इस सलाह पर ध्यान देना आवश्यक है, ताकि निवेशक अपने पोर्टफोलियो को बेहतर प्रबंधन कर सकें। इस प्रकार, गिरते बाजार में भी, लाभदायक अवसरों का फायदा उठाने का रास्ता खुलता है।