दिल के टुकड़े की विदाई
फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव की अंतिम यात्रा ने हर किसी का दिल तोड़ दिया। उनके करीबी मित्र और परिवारवाले इस कठिन समय में उनके बिना एक सूनापन महसूस कर रहे हैं। मर्मभेदी क्रियाकर्म में उनकी मंगेतर ने बेबसी से रोते हुए कहा, “बाबू, तू आया क्यूं नहीं।” यह एक ऐसा पल था जिसमें हर कोई अपनी भावनाओं को बयां कर रहा था।
सिद्धार्थ की कहानियाँ
सिद्धार्थ यादव को अपनी कर्तव्यपरायणता और देश प्रेम के लिए याद किया जाएगा। एयरफोर्स में उनके योगदान ने लाखों लोगों के दिलों में जगह बनाई है। उनके साथी उन्हें एक सम्मान और साहस के प्रतीक के रूप में याद करते हैं। जब उन्होंने अपने जीवन की शहादत दी, तब उन्होंने अपने देश के लिए अद्वितीय समर्पण का उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रेम और स्मृतियाँ
सिद्धार्थ और उनकी मंगेतर के बीच एक गहरी समझ और प्यार था। उनकी मंगेतर की आंखों में आंसू थे, लेकिन उन्होंने अपनी यादों को संजोए रखा। वह यादें उनके जीवन में हमेशा जिंदा रहेंगी। यह कठिन समय उनके लिए एक सबक भी है, कि प्रियजनों को खोने के बाद भी आगे बढ़ना चाहिए, लेकिन उन्हें भुलाना मुश्किल होता है। सिद्धार्थ हमेशा उनके दिल में रहेंगे।